इस्लाम की दावत देने वाले लोग और अल्लाह के विशेष नाम- 12

डॉ. मोहम्मद मंज़ूर आलम

अल्लाह ने पवित्र कुरान में अपने कई विशेष नामों का उल्लेख किया है और मनुष्यों को आदेश दिया है कि वह अल्लाह को उसके सुंदर नामों से पुकारें । अल्लाह के रसूल (स.अ) ने कहा कि अल्लाह के निनांवें नाम हैं और आपने क्रमशः इन नामों का उल्लेख किया है। इन नामों से हमें ब्रह्मांड के निर्माता और उसकी अतुलनीय शक्ति और पराक्रम के अतुलनीय अस्तित्व का अंदाजा होता है। क्योंकि मनुष्य अपनी कमजोर बुद्धि के कारण अल्लाह को नहीं समझ सकता, इसीलिए उसे अल्लाह के निनांवें नाम दिए गए हैं, ताकि वह अपने प्रभु को समझने के लिए कुछ प्रयास कर सके।

इस्लामी दावत के क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्ति के दावत की धुरी तौहीद होती है। उनका मुख्य उद्देश्य एक ईश्वर की ओर बुलाना व ईश्वर के सेवकों को उसके साथ जोड़ना है और यही दावत का मक़सद है. जो अल्लाह और उसकी विशेषताओं को व्यक्ति या समुदाय के दिल व दिमाग में इस प्रकार प्रस्तुत करना कि उसे यक़ीन हो जाए कि अल्लाह एक है. वही वास्तविक और सफल इस्लामी दावतकार कहा जाएगा. यदि इस्लाम के पूरे फ़ल्सफा़ पर चर्चा की जाए और तौहीद व अल्लाह की विशेषताओं पर पूर्ण चर्चा न हो तो इसे पूर्ण इस्लामिक दावत नहीं कहा जा सकता। इसलिए कोई भी व्यक्ति जो इस्लामी दावत का काम कर रहा है, उसे अल्लाह के विशेष नामों से अच्छी तरह परिचित होना बहुत महत्वपूर्ण है।

यह अजीब बात है कि हम में से बहुत कम लोग सर्वशक्तिमान ईश्वर के विशेष नामों से परिचित हैं। यहां तक कि जो परिचित हैं, उनमें से अधिकांश उनके बारे में बहुत सीमित जानकारी रखते हैं। हालांकि, अल्लाह सर्वशक्तिमान के इन पवित्र नामों में व्यक्ति और समाज के सुधार और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था है। इन विशेष नामों के माध्यम से महान चरित्र निर्माण किया जा सकता है। अल्लाह के इन प्यारे नामों को समझना, उनके माध्यम से अल्लाह सर्वशक्तिमान से प्रार्थना करना और उनमें छिपे विकास और मार्गदर्शन के महत्वपूर्ण संकेतों को समझकर उन्हें अपनाने की कोशिश करना आवश्यक है। यह हमारी व्यक्तिगत आवश्यकता के साथ-साथ हमारी दावती आवश्यकता भी है।




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