दया और मार्गदर्शन - भाग- 17

डॉ. मोहम्मद मंज़ूर आलम

अल्लाह सर्वशक्तिमान के कुछ और सुंदर व विशेष नाम हमें अपनी ओर आकर्षित करते हैं, ये वो नाम हैं जो अल्लाह के प्रेम और हमदर्दी को दर्शाते हैं. उदाहरण के लिए अल्लाह के दो प्यारे नाम " रक़ीब " और " रशीद " हैं. रक़ीब का मतलब हर समय निगरानी करने वाला, उसी प्रकार रशीद का मतलब है मार्गदर्शक करने वाला. इन दोनों नाम से मालूम होता है कि अल्लाह ने हमें दुनिया में पैदा करके अकेला नहीं छोड़ा बल्कि वो हर समय हमारी निगरानी भी कर रहा है और मार्गदर्शन भी कर रहा है. इंसान को जिस हाल में भी मदद की आवश्यकता होती है, अल्लाह उसकी मदद करता है. अल्लाह कभी अपने मानने वालों को कभी बेसहारा नहीं छोड़ता

रऊफ" और "मुजीब" भी अल्लाह सर्वशक्तिमान के पवित्र नाम हैं। रऊफ का मतलब होता है दयालु। इसी तरह के नाम "लतीफ" और "करीम" भी हैं। मुजीब का अर्थ है, जो प्रार्थनाओं को सुनता है और प्रार्थनाओं को कु़बूल करता है। इन सभी नामों की एक अच्छी श्रंखला है। वह सबसे दयालु है, इसलिए वह अपने सेवकों के लिए अनुकंपा करता है, वह अपने सेवकों की हर पुकार सुनता है। कोई भी प्रार्थना व्यर्थ नहीं जाती। एक सेवक को चाहिए कि एक महान शक्ति उसके साथ कदम से कदम मिलाकर रहे है, उसे प्रेम करे और अपनी शक्ति के माध्यम से सेवक को सहारा दे.अल्लाह सर्वशक्तिमान के ये चारों नाम बताते हैं कि इस प्रकार का अस्तित्व केवल और केवल अल्लाह का है।

इन छह खूबसूरत नामों पर ध्यान देने से पता चलता है कि अल्लाह सर्वशक्तिमान अपने सेवकों के साथ अत्यंत सौम्यता और दया के साथ पेश आता है। वह जीवन के हर पल में उनके साथ सहानुभूति रखता है। जब कोई व्यक्ति उसे जीवन के कठिन समय में बुलाता है, तो वह उसकी पुकार को खाली नहीं जाने देता है। वह न केवल मनुष्य को उसके सुख और अनुग्रह की छाया में रखता है, बल्कि हर पल उसका मार्गदर्शन भी करता है। जाहिर है, विशेष रूप से दावत के क्षेत्र में काम करने वालों को अपने जीवन में इन सभी चीजों की सख्त जरूरत होती है। उसे कठिन परिस्थितियों में अपने प्रभु से सुख की आवश्यकता होती है। अच्छे और बुरे समय में अपने भगवान को अपनी स्थिति के बारे में बताने की जरूरत होती है और आगे बढ़ने के लिए उसके मार्गदर्शन की आवश्यकता भी होती है। अल्लाह सर्वशक्तिमान के ये विशेष नाम उसके जीवन में " आबे हयात " के रूप में काम कर सकते हैं।




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