दावत का काम करने वालों की विशेषताएं - 11

डॉ. मोहम्मद मंज़ूर आलम

अल्लाह ने पवित्र कुरान में दावत के कई पहलुओं पर ध्यान आकर्षित किया है। कुरान मांग करता है कि दावत का काम करने वालों के पास अच्छे गुण होने चाहिए। जैसे सत्यता, न्याय, ईमानदारी, प्रेम, भाईचारा, करुणा, विश्वास, शर्म, उदारता, आतिथ्य, सत्य का प्रेम, असत्य से घृणा, कृतज्ञता और दया, बड़ों का आदर, छोटों का प्यार, दया अनुग्रह, पवित्रता, स्वच्छता, आदि। इस संबंध में, कुरान ने मानव मानस का पूरा ध्यान रखा है और दावत का काम करने वालों के भीतर उन विशेषताओं की मांग की है जो सबसे अच्छे तरीके से दावत (da'wah) की आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं।

कुरान ने दावत देने वालों में जिन विशेषताओं को महत्व दिया है, उन में एक खांसी विशेषता ये है कि दावत का काम करने वाला आखि़र तक ईमानदार हो. उसे किसी व्यक्ति या कौ़म से किसी प्रकार के लाभ की कोई दिलचस्पी नहीं हो। जिसे दावत दे रहे हो उस के जोरदार इनकार और किसी भी झुंझलाहट के बावजूद उसे निराश नहीं होना चाहिए और अंत में सुधार की उम्मीद रखनी चाहिए। जब दावत देने वालों में यह गुण पैदा हो जाएगा तो पवित्र पैगंबरों के साथ और विशेष रूप से हज़रत मुहम्मद मुस्तफा ( से.अ ) के साथ पैदा होने वाली स्थिति बनाई जा सकती है।

जब आपको ताएफ़ में लहूलुहान कर दिया गया फ़रिश्ते ने दो पहाड़ों के बीच ताएफ़ को रौंदने की अनुमति मांगी थी, तो आपने इनकार कर दिया और उम्मीद जताई कि उनकी आने वाली पीढ़ियों को हमारी बातों पर विश्वास होगाऔर आगे जाकर वही हुआ। कुरान नबियों की ईमानदारी के उदाहरणों से भरा है। इन सभी उदाहरणों से सबक यह है कि दावत का काम करने वालों को सौ प्रतिशत ईमानदार होना चाहिए। तभी उनका काम प्रभावी हो सकता है।

सवाल यह उठता है कि दावत का काम करने वाला खुद में ईमानदारी कैसे पैदा कर सकता है। इसका उत्तर यह है कि मानवता की सख्त जरूरतों का ज्ञान और विश्वास करने वाले के रूप में स्वयं की महान जिम्मेदारी का एहसास उस के अंदर वांछित ईमानदारी पैदा कर सकता है। इसके लिए हमें मानवता की जरूरतों को समझना होगा। कौ़म के मनोविज्ञान, सामाजिक आवश्यकताओं, मानसिक संरचना, सांस्कृतिक संदर्भ और बौद्धिक स्तर को समझते हुए, कुरान के वाहक के रूप में एक बड़ी जिम्मेदारी का एहसास करना होगा।




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